Aap Jaisa Koi Movie Review: 11 जुलाई 2025 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई आप जैसा कोई (Aap Jaisa Koi) एक ऐसी रोमांटिक ड्रामा फिल्म है, जो प्यार, पितृसत्ता, और सामाजिक रूढ़ियों जैसे गहरे मुद्दों को छूती है।

R Madhavan और Fatima Sana Shaikh की जोड़ी वाली इस फिल्म ने अपने ट्रेलर और स्टार पावर की वजह से रिलीज से पहले ही खूब सुर्खियां बटोरीं। लेकिन क्या यह फिल्म उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए, इसकी कहानी, परफॉर्मेंस, म्यूजिक, और क्रिटिक्स व दर्शकों की राय के साथ जानते हैं कि यह फिल्म क्यों ट्रेंड कर रही है।
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Aap Jaisa Koi की कहानी: प्यार और पितृसत्ता की जंग
आप जैसा कोई जमशेदपुर के एक 42 साल के संस्कृत प्रोफेसर श्रीरेनु त्रिपाठी (R Madhavan) और कोलकाता की 32 साल की फ्रेंच टीचर मधु बोस (Fatima Sana Shaikh) की अनोखी प्रेम कहानी है। श्रीरेनु एक शर्मीला, अविवाहित पुरुष है, जो अपनी उम्र और सामाजिक दबावों के बीच प्यार की तलाश में है।
उसकी जिंदगी में मधु का आना एक ताजा हवा का झोंका है, जो बिंदास, आत्मविश्वास से भरी, और अपनी सेक्सुअल एजेंसी को खुलकर अपनाने वाली महिला है। दोनों की मुलाकात एक डेटिंग ऐप के जरिए होती है, और जल्द ही उनका रिश्ता प्यार और सगाई की ओर बढ़ता है।
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लेकिन कहानी तब ट्विस्ट लेती है, जब श्रीरेनु को मधु के अतीत के बारे में पता चलता है। उनकी सगाई से पहले पितृसत्तात्मक सोच और सामाजिक नियम उनके रिश्ते पर सवाल उठाते हैं।
फिल्म न केवल श्रीरेनु और मधु की लव स्टोरी दिखाती है, बल्कि श्रीरेनु के भाई भानु (मनीष चौधरी) और भाभी कुसुम (आयशा राजा मिश्रा) की शादीशुदा जिंदगी के जरिए पितृसत्ता के प्रभाव को भी उजागर करती है। क्या श्रीरेनु अपनी रूढ़िगत सोच से बाहर निकल पाएगा? क्या मधु अपनी आजादी और प्यार के बीच संतुलन बना पाएगी? यही इस फिल्म का मूल है।
Aap Jaisa Koi माधवन और फातिमा का जादू
R Madhavan श्रीरेनु के किरदार में पूरी तरह फिट बैठते हैं। उनकी शर्मीली, लेकिन गहरी भावनाओं वाली एक्टिंग दर्शकों को तनु वेड्स मनु के मनु की याद दिलाती है। वह एक ऐसे पुरुष की बारीकियों को बखूबी दिखाते हैं, जो बाहर से प्रोग्रेसिव लगता है, लेकिन अंदर से पितृसत्तात्मक सोच का शिकार है।

Fatima Sana Shaikh मधु के रूप में स्क्रीन पर चमकती हैं। उनकी बिंदास और आत्मविश्वास भरी परफॉर्मेंस कहानी को ताजगी देती है, हालांकि कुछ क्रिटिक्स का मानना है कि उनकी और माधवन की केमिस्ट्री में थोड़ी कमी रह गई।
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सपोर्टिंग कास्ट में आयशा राजा मिश्रा कुसुम के किरदार में शानदार हैं, जो एक ऐसी महिला है, जो अपनी शादी में रोमांस की कमी से जूझ रही है। मनीष चौधरी का पितृसत्तात्मक भाई का रोल डरावना और वास्तविक है, जबकि नमित दास श्रीरेनु के दोस्त के रूप में हास्य और गर्मजोशी लाते हैं।
Aap Jaisa Koi म्यूजिक और सिनेमैटोग्राफी
फिल्म का म्यूजिक, रोचक कोहली और जस्टिन प्रभाकरण द्वारा कंपोज किया गया, इसका सबसे मजबूत पहलु है। गाने जैसे जब तू सजना (मोहित चौहान) और सारे जग में (अभय जोधपुरकर, आनंदी जोशी) दिल को छूते हैं और कहानी के इमोशन्स को बढ़ाते हैं। गीतकार गुरप्रीत सैनी और राज शेखर के बोल प्रेम और टूटे दिल की भावनाओं को खूबसूरती से बयां करते हैं।

सिनेमैटोग्राफर देबोजीत रे ने कोलकाता और जमशेदपुर की खूबसूरती को शानदार ढंग से कैप्चर किया है। कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट कॉफी हाउस और विक्टोरिया मेमोरियल के सीन नॉस्टैल्जिया जगाते हैं, जबकि जमशेदपुर की सादगी कहानी को प्रामाणिक बनाती है।
क्रिटिक्स और दर्शकों की राय
आप जैसा कोई को क्रिटिक्स से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। न्यूज18 ने इसे “फेमिनिस्ट लव स्टोरी” कहकर सराहा और माधवन-फातिमा की केमिस्ट्री को शानदार बताया, इसे 3.5/5 रेटिंग दी। टाइम्स नाउ ने इसे “बराबरी वाला प्यार” का संदेश देने वाली फिल्म कहा, जो बिना प्रीची हुए पितृसत्ता पर सवाल उठाती है।
दूसरी ओर, हिंदुस्तान टाइम्स और इंडिया टुडे ने इसे रॉकी और रानी की प्रेम कहानी का कमजोर वर्जन बताया, 2/5 और 2.5/5 रेटिंग के साथ। उनका कहना है कि फिल्म का दूसरा हाफ भटक जाता है और कहानी में गहराई की कमी है।
Aap Jaisa Koi क्यों देखें?
Aap Jaisa Koi एक ऐसी फिल्म है, जो प्यार को एक नए नजरिए से देखती है—जहां उम्र, पितृसत्ता, और सामाजिक नियम रिश्तों को चुनौती देते हैं। यह फिल्म खास है क्योंकि यह मिडिल-एज रोमांस और महिलाओं की आजादी जैसे कम छुए गए टॉपिक्स पर बात करती है। करण जोहर की धर्मैटिक एंटरटेनमेंट द्वारा प्रोड्यूस्ड यह फिल्म पुराने बॉलीवुड रोमांस का नॉस्टैल्जिया जगाती है, लेकिन आधुनिक और प्रोग्रेसिव टच के साथ।
हालांकि, फिल्म की स्क्रिप्ट और सेकंड हाफ में कमियां हैं, जो इसे रॉकी और रानी की प्रेम कहानी जैसी फिल्मों से पीछे रखती हैं। फिर भी, माधवन और फातिमा की परफॉर्मेंस, शानदार म्यूजिक, और कोलकाता-जमशेदपुर की खूबसूरत सेटिंग इसे वीकेंड बिंज के लिए एक अच्छा ऑप्शन बनाती है।
निष्कर्ष
आप जैसा कोई एक दिल को छूने वाली, लेकिन अधूरी कोशिश है। यह प्यार, बराबरी, और पितृसत्ता जैसे जरूरी मुद्दों को उठाती है, लेकिन स्क्रिप्ट की कमजोरी और भटकाव इसे यादगार बनने से रोकते हैं। अगर आप रोमांटिक ड्रामा और माधवन के फैन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक बार देखने लायक है। नेटफ्लिक्स पर 1 घंटा 58 मिनट की यह फिल्म आपको हंसाएगी, रुलाएगी, और सोचने पर मजबूर करेगी।